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Mahadevi verma |
महादेवी वर्मा
जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करुणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आंसू लेते पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हंस उठते पल में आंध्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आंखें देती वर्चस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार
4 टिप्पणियां:
Wah wah. ... Great. .
thnks dear
Bhut khub....
Waah... Bahut sundar panktiyan
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