मिले थे तुमको तो मिलते रहेंगे ।
एहसास ऐसा कभी हुआ ना था ॥
सोचना कभी कि क्या लोग कहेंगे ।
एहसास ऐसा कभी हुआ ना था ॥
ना फिक्र जमाने की ना दुनिया का डर था ।
साथ तेरा था और लंबा सफर था ॥
चलते रहे दोनों यूं बेफिक्र होकर ।
वक्त भी जैसे थम सा गया था ॥
मोड ऐसा आएगा , यूं कि
साथ छूट जाएगा , यूं ही ।
एहसास ऐसा कभी हुआ न था ॥
शिकवा था हमसे कुछ इस तरह कि ,
गिला करने का वक्त भी ना होगा ।
एहसास ऐसा कभी हुआ न था ॥
रास्ते और मंजिल यूं जुदा होंगे ,
बिना कुछ कहे यूं अलविदा होंगे ।
एहसास ऐसा कभी हुआ ना था ॥
By Ambakeshwar Pathak
8 टिप्पणियां:
Acchi kavita hai
Very nice
Bahut badhiya
thanks pathak ji
Superb!!!!
Lovely....
Lovely...
Nice.
टिप्पणी पोस्ट करें